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किस के फायदे: किस करने से क्या होता है? जानिए रोमांस के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी क्यों है फायदेमंद! Kiss karne ke fayde

आज के टाइम में शायद ही कोई होगा जो वैलेंटाइन डे या वेलेंटाइन वीक के बारे में नहीं जानता होगा। जी हां, वैलेंटाइन डे हर प्यार करने वाले के लिए खास होता है क्योंकि इस दिन प्यार करने वाले अपने प्यार का इजहार करते हैं। और यह दिन ही क्यों, यह पूरा हफ्ता ही बहुत खास होता है। इन्हीं खास दिनों के बीच एक दिन आता है ‘किस डे,’ जिसमें सिर्फ शब्दों की नहीं, बल्कि आपके टच और आपकी फिलिंग्स की भी जरूरत होती है।

किस डे एक ऐसा मौका है जब प्रेमी अपने साथी को अपनी किसी की मदद के साथ अपने प्यार का इजहार करते हैं और अपने टच से उसको बताते हैं कि वह उनके लिए कितना खास है। यह तो बात हुई प्रेमियों की, लेकिन किसी का सबसे बड़ा उदाहरण आज हमारे बीच मौजूद है तो वह है मां और बच्चे का प्यार। एक नन्हा बच्चा अपनी मां को महज दो-तीन महीने का होते ही किस करना शुरू कर देता है और इस किस से ही मां समझ जाती है कि वह अपने बच्चों को कितनी प्यारी है।

लेकिन एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि किस करने के बहुत से फायदे होते हैं। तो आज हम इस लेख में बात करेंगे किस करने के अलग-अलग फायदों की, जो आपकी सेहत पर सीधा असर डालते हैं।

Kiss में होती है रोगों से लड़ने की ताकत


हर किसी को बीमारियों से लड़ने के लिए इम्यूनिटी चाहिए। इम्यूनिटी को आम भाषा में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कहा जाता है। एक जर्नल के मुताबिक, अगर दो जवान लोग माउथ-टू-माउथ किस करते हैं, तो एक-दूसरे का सलाइवा ट्रांसफर होता है। सलाइवा के अंदर नए कीटाणु बहुत ही कम मात्रा में होते हैं, जिसकी वजह से हमारे शरीर में एंटीबॉडी बनाने की प्रक्रिया शुरू होती है। इन कीटाणुओं के आने की वजह से हमारा शरीर बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार हो जाता है, और शरीर की एंटीजन-एंटीबॉडी क्रिएटिंग क्षमता भी बढ़ती है, जिसकी वजह से हमारी इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी काफी हद तक बढ़ जाती है।

Stress से लड़ने में मिलती है ताकत Kiss से


अक्सर देखा जाता है कि लोग चिंता या तनाव के चलते दूसरे लोगों के साथ फिजिकल रिलेशन में आ जाते हैं और उन्हें इससे काफी सुकून भी मिलता है। इसके पीछे की वजह है कॉर्टिसोल नाम का हार्मोन। यह हार्मोन शरीर में तनाव को बढ़ाता है। जब लोग एक-दूसरे के साथ किस करते हैं या प्यार का इजहार करते हैं, तो हमारा दिमाग कॉर्टिसोल लेवल को कम करने लगता है। इसकी वजह से शरीर में ऑक्सीटोसिन बनता है, जिससे हमें अच्छा महसूस होता है और हमारे दिमाग में तनाव की कमी आती है। अगर और आसान शब्दों में कहें तो, किस करने से हमारा मूड रिफ्रेश हो जाता है, जिससे बेचैनी और अनिद्रा जैसी समस्याओं में काफी कमी आती है।

High BP को ठीक करती है Kiss


अक्सर देखा गया है कि कुछ लोगों को हाई बीपी की समस्या होती है। साइंस कहती है कि जब आप किसी के साथ किस करते हैं या शारीरिक संबंध बनाते हैं, तो उस समय आपका ब्लड प्रेशर काफी बढ़ जाता है। एक मशहूर किसिंग एक्सपर्ट के मुताबिक, जब भी आप किसी को किस करते हैं, तो आपका हार्ट रेट काफी ज्यादा बढ़ने लगता है, जिसकी वजह से आपकी ब्लड वेसल्स चौड़ी हो जाती हैं और ब्लड प्रेशर बेहतर होता है। इसी के साथ आपका ब्लड प्रेशर कंट्रोल में भी आता है, लेकिन यह हमेशा के लिए नहीं होता, सिर्फ कुछ समय के लिए होता है।

कोलेस्ट्रॉल को दूर भगाती है Kiss


जैसे कि हमने पहले भी बात की, किस करने से आपके दिल को काफी मजबूती मिलती है। इस तरह से आपकी बॉडी में सीरम कोलेस्ट्रॉल का लेवल भी कम होता है। जैसे ही सीरम कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होता है, तो जाहिर सी बात है कि स्ट्रोक और दिल की बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है। इसी वजह से एक्सपर्ट्स किस को सेहत के लिए अच्छा मानते हैं।

आपसी रिश्तों में बेहतरी करती है Kiss


जब भी किसी को किस की जाती है, तो हमारे चेहरे की कई मसल्स एक साथ एक्टिव हो जाती हैं। एक कपल अगर एक मिनट के लिए फ्रेंच किस करता है, तो एक्सपर्ट्स का कहना है कि वह लगभग 26 कैलोरीज़ तक बर्न कर लेता है। साथ ही, एक्सपर्ट्स का यह भी मानना है कि पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के लेवल को बढ़ाने के लिए किस एक बेहतरीन उपाय हो सकता है। इसी वजह से कुछ सेक्स एक्सपर्ट्स फोरप्ले के दौरान किस का इस्तेमाल करने की सलाह भी देते हैं।

किस न सिर्फ प्यार और भावनाओं को व्यक्त करने का तरीका है, बल्कि इसके स्वास्थ्य पर भी कई सकारात्मक प्रभाव होते हैं। यह इम्यूनिटी बढ़ाने, तनाव कम करने, हाई बीपी को कंट्रोल करने, कोलेस्ट्रॉल घटाने, और रिश्तों को मजबूत करने में सहायक होती है। किसिंग से न केवल भावनात्मक जुड़ाव गहरा होता है, बल्कि शारीरिक और मानसिक सेहत में भी सुधार होता है। इसलिए, किस को सिर्फ एक भावनात्मक पहलू के रूप में नहीं, बल्कि एक स्वस्थ जीवनशैली का हिस्सा मानना चाहिए।

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